एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन योजना) पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा संचालित भारतीय नागरिकों के लिए एक खास योजना हैं I ये निवेश योजना सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय जीवन के लिए बनायीं गयी है। इसे 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था और 2009 में अन्य कर्मचारियों के लिए खोल दिया गया था।
इस लेख में आपको एनपीएस की अन्य जानकारी मिल सकती हैं I
एनपीएस क्या है और यह कैसे काम करता हैं ?
एनपीएस एक स्वैछिक (voluntary) पेंशन योजना है जो सार्वजनिक, निजी और असंगठित क्षेत्र के सभी कर्मचारियों के लिए खुली है। इसमें निवेश करने के विभिन्न विकल्प हैं जो इक्विटी बाज़ार के रिटर्न और निश्चित रिटर्न्स वाले डेट योजना – दोनों का लाभ प्रदान करते हैं। यह कम खर्च वाला निवेश है और लंबे समय के लिए कंपाउंडिंग का अतिरिक्त लाभ भी देता है।
नए नियमों के अनुसार 18 – 70 वर्ष के भारतीय नागरिक और भारत के विदेशी नागरिक (OCI) एनपीएस मैं 75 वर्ष की आयु तक निवेश रह सकते हैं।
एनपीएस में रिटर्न की दर अन्य बातों के साथ – साथ इन दो पहलुओं पर विशेष रूप से निर्भर करेगी –
- आपके चुने हुए निवेश विकल्प
- आप कितने वर्षों तक निवेशित रहते हैं
एनपीएस के लाभ क्या है?
एनपीएस केंद्र सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखकर की गयी उचित पहल है। यह लोगों को उनके रोजगार के दौरान नियमित अंतराल पर पेंशन खाते में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
एनपीएस में निवेश का प्रबंधन अनुभवी व कुशल पेंशन फंड मैनेजर द्वारा किया जाता है। निवेशक यह चुनने के लिए स्वतंत्र हैं कि किस विकल्प में और किस अनुपात में निवेश करना है।
एनपीएस से बड़े रिटायरमेंट कोष का निर्माण किया जा सकता हैI जिसका 60% कोष रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त टैक्स – रहित निकाला जा सकता है। शेष 40% राशि मासिक पेंशन के रूप में मिलेगी – इसलिए यह रिटायरमेंट के बाद नियमित आय प्रवाह सुनिश्चित करने का सशक्त विकल्प है।
एनपीएस खाता कैसे खोलें?
एनपीएस खाता खोलने के दो विकल्प हैं –
1 ऑफलाइन (online)
पीओपी – एसपी (Point of Presence – Service Providers) – जैसे अधिकृत बैंक शाखा, डाक घर या सीआरए (सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी) – इन जगहों पर एनपीएस खाता खोलने की सुविधा उपलब्ध होती हैं ।
2 ऑनलाइन (offline)
पैन / आधार और बैंक विवरण का उपयोग करके ईएनपीएस (e-NPS) वेबसाइट के माध्यम से आवेदक अपना एनपीइस खता खोल सकते हैं । बैंक, ब्रोकर या अन्य मध्यस्थ भी यह सुविधा ऑनलाइन प्रदान करते है।
एनपीएस में कौन से निवेश विकल्प उपलब्ध हैं?
एनपीएस आपको चार प्रमुख विकल्प प्रदान करता है –
- इक्विटी (E) – इसमें मुख्य रूप से इक्विटी मार्केट में निवेश किया जाता है (अधिकतम 75% तक) I
- कॉर्पोरेट बांड्स (C) – इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, वित्तीय संस्थानों, कंपनियों और मुद्रा बाज़ार सम्बन्धी साधनों द्वारा जारी बांड्स में निवेश किया जाता है (अधिकतम 100% तक) I
- सरकारी प्रतिभूतियां (G) – इसमें केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा जारी निवेश उत्पाद (बांड, ट्रेजरी बिल आदि) में निवेश किया जाता है (अधिकतम 100% तक)I
- वैकल्पिक निवेश निधि (A) – इस वर्ग में कमर्शियल निवेश उत्पाद , रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट जैसे उत्पादों में निवेश किया जाता है (अधिकतम 5% तक)I
एनपीएस – निवेश प्रबंधन विकल्प क्या हैं?
इसमें दो विकल्प उपलब्ध हैं –
- सक्रिय विकल्प (Active Choice)
यह उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो स्वंय एसेट आवंटन करना चाहते हैं। इसमें आपके पास विभिन्न परिसम्पत्तियों या एनपीएस फंड्स में अपने योगदान का निवेश अनुपात चुनने का विकल्प होता है। इसमें इक्विटी की अधिकतम आवंटन सीमा 75% है।
- ऑटो विकल्प (Auto Choice)
यह ऐसे निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प है जो स्वचालित आवंटन (automatic allocation) से संतुष्ट हैं। निवेशित धन का अनुपात दो पहलुओं से तय होता है –
- आपकी उम्र
- आपका जीवन स्तर (life stage)
इसमें आपके शुरुआती प्रोफेशनल दिनों में इक्विटी निवेश का अनुपात अधिक रहता है और समय के साथ इसे घटाकर डेट और अन्य स्थायी निवेशों में बढ़ाया जाता है।
यह विकल्प आपको उचित रिटर्न के साथ बाजार की अस्थिरता से भी बचाता है।
इस विकल्प के तहत तीन फंड्स में निवेश किया जाता है –
- मॉडरेट लाइफ साइकिल फंड: इक्विटी सीमा अधिकतम 50% तक है
- कंसर्वेटिव जीवन चक्र फंड: इक्विटी सीमा अधिकतम 25% तक है
- आक्रामक जीवन चक्र फंड: इक्विटी आवंटन अधिकतम 75% तक जा सकता है
एनपीएस टैक्स बचाने में कैसे मदत करता है?
एनपीएस आयकर अधिनियम, 1961 की तीन धाराओं के तहत कर लाभ प्रदान करता है –
- धारा 80 सीसीडी (1) के तहत उस वित्तीय वर्ष के लिए 1.5 लाख रु तक के निवेश पर इसमें छूट उपलब्ध है। यह आयकर की धारा 80 सी के अंतर्गत 1.5 लाख रु की कुल सीमा का ही हिस्सा है।
- धारा 80 सीसीडी (1b) के तहत 50,000 रु तक की अतिरिक्त कटौती उपलब्ध है।
एक कर्मचारी पुरानी कर-व्यवस्था के अंतर्गत एनपीएस टियर -1 खाते में 1.5 लाख रू तक की सीमा से ऊपर 50,000 रु का निवेश कर सकता है और इस प्रकार एक वित्तीय वर्ष में कुल 2 लाख रु तक की कटौती का दावा कर सकता है।
- धारा 80 सीसीडी (2) के अंतर्गत एम्प्लॉयर की ओर से मूल वेतन व महंगाई भत्ते (डीए) का 10 % एनपीएस खाते में जमा करवाने पर कटौती प्रदान करता है। (राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए यह अब 14% है) यह धारा 80 सी और 80 सीसीडी (1) के अंतर्गत 1.5 लाख रु की कुल सीमा से ऊपर है।
एनपीएस- दो अलग प्रकार के खाते
एनपीएस खाता खोलने के बाद प्रत्येक ग्राहक को एक स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (PRAN- Permanent Retirement Account Number) जारी किया जाता है। एनपीएस में योगदान सहित फंड प्रबंधन, पीआरएएन के माध्यम से ही किया जाता है। एनपीएस ग्राहकों को दो खातों के माध्यम से व्यवस्थित निवेश करने की अनुमति देता है –
टियर- I खाता (Tier – 1 Account)
यह अनिवार्य खाता है और पेंशन खाते के रूप में कार्य करता है – आप इसे न्यूनतम 500 रू की जमा राशि के साथ खोल सकते हैं। इस खाते में जमा की गई राशि पर ही आयकर लाभ प्राप्त होता है। इसमें निकासी विभिन्न शर्तों के अधीन है और विशेष परिस्तिथियों में ही संभव है। इसे कहीं से, कभी भी संचालित किया जा सकता है।
टियर 2 खाता (Tier – 2 Account)
टियर 2 खाता तभी खुलवाया जा सकता है जब टियर 1 खाता पहले से उपलब्ध है। यह स्वैच्छिक खाता है जिसमें निकासी सुविधाजनक है। टियर -1 खाते के सभी सदस्य टियर -2 खाता खोल सकते हैं। वर्ष में कम से कम एक योगदान आवश्यक है और न्यूनतम राशि 250 रू होगी। इस खाते में योगदान पर कोई कर – लाभ नहीं है।
इसमें कोई लॉक – इन नहीं है अर्थात आप जब चाहें टियर 2 खाते से अपना धन निकाल सकते हैं I
एनपीएस में किसे निवेश करना चाहिए ?
एनपीएस उन लोगों के लिए अच्छी योजना है जो अपनी सेवानिवृत्ति की योजना जल्द बनाना चाहते हैं।यह विशेष रूप से निजी क्षेत्र (private sector) में काम करने वालों के लिए लाभदायक है। एनपीएस सस्ता निवेश उत्पाद है और आपको बाज़ार से जुड़े रिटर्न दिलवाने का माध्यम भी प्रदान करता है। सभी निवेशकों के लिए वित्तीय नियोजन में सेवानिवृत्ति के बाद के चरण के लिए पर्याप्त कोष एकत्रित करना एक आवश्यक पहलू है।
एनपीएस से सम्बंधित कुछ प्रश्न –
पेंशन की राशि आपके द्वारा किये गए योगदान, निवेशित वर्षों की संख्या, निवेश विकल्प, कुल जमा राशि, सेवानिवृति के समय निकाली गयी एकमुश्त राशि और वार्षिकी के चुनाव पर निर्भर करेगी। मासिक पेंशन जान्ने के लिए आप ऑनलाइन एनपीएस कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं I
वर्तमान एनपीएस निकासी नियमों के अनुसार ग्राहक के 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृति के समय कुल एकत्रित राशि का 60% एकमुश्त निकाला जा सकता है। बाकी 40% का उपयोग वार्षिकी सेवा प्रदाता से वार्षिकी खरीदने के लिए किया जाना चाहिए।
एनपीएस ग्राहक के रूप में आपको वार्षिकी (annuity) योजना का चयन करना होता है। यह वार्षिकी या पेंशन राशि एक पंजीकृत बीमा कंपनी द्वारा प्रदान की जाती है जिसे वार्षिकी सेवा प्रदाता (Pension Fund Manager) कहा जाता है।
क्या समय से पहले पैसा निकालने (partial withdrawal) की अनुमति है?
एनपीएस की जमा राशि से समय से पहले निकासी कुछ विशिष्ट उद्देश्यों के लिए स्वीकार्य है। इसमें बच्चों की उच्च शिक्षा, बच्चों का विवाह, घर खरीद या कुछ निर्धारित बीमारियों का इलाज सम्मिलित हैं। इसके लिए कुछ शर्ते भी लागू होतीं हैं I
एनपीएस की सदस्यता लेने पर प्रत्येक ग्राहक को 12 अंकों का स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (PRAN) जारी किया जाता है। एक ग्राहक केवल एक ही ऐसा खाता खोल सकता है इसलिए नौकरी बदलने पर भी ग्राहक का एनपीएस खाता उसी पीआरऐएन से चलता रहेगा।