भारत में ज़्यादातर शेयर अक्सर 1,000 रु / शेयर से कम कीमत पर भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार करते हैं। हालांकि, कुछ शेयर हज़ारों रुपये के प्राइस रेंज पर भी ट्रेड करते हैं। इससे छोटे रिटेल निवेशकों के लिए ऐसे शेयरों को खरीदना मुश्किल हो जाता है जो बहुत अधिक प्राइस रेंज पर ट्रेड करते हैं।
तो क्या महंगे स्टॉक किसी कंपनी की असली कीमत दर्शाते हैं? ऐसा ज़रूरी नहीं है।
किसी कंपनी के शेयर का दाम पूरी तरह से कंपनी के वैल्यूएशन या कीमत से जुड़ा नहीं हो सकता और ये उसके स्टॉक की डिमांड और सप्लाई की स्थिति का परिणाम हो सकता है। अधिक लिक्विडिटी वाले स्टॉक का दाम कम हो सकता है जबकि कम लिक्विड स्टॉक्स की कीमत ज़्यादा हो सकती है।
उदाहरण के लिए – 2,000 रु के शेयर वाली कंपनी की कीमत उसी की तुलना वाली अन्य कंपनियों से कम हो सकती है।
आज हम सबसे महंगे भारतीय शेयरों पर चर्चा करेंगे – खास तौर पर भारत की ऐसी कंपनियों पर जिनके स्टॉक प्राइस सबसे अधिक हैं। इसके लिए हमने प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों पर अगस्त 2022 तक मौजूदा शेयर प्राइस के आधार पर सबसे पहले 10 महंगे शेयर्स को शॉर्टलिस्ट किया है।
मार्किट कॅपिटलाइसेशन = 36,836 करोड़ रु
मद्रास रबर फैक्ट्री (एमआरएफ) एक प्रसिद्ध टायर निर्माता है जो विभिन्न प्रकार के टायर निर्माण के कारोबार में शामिल है। ये कार,बाइक, ट्रक/बस आदि के टायर बनाते हैं।
एमआरएफ का शेयर प्राइस भारत में बीएसई / एनएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों में सबसे ज़्यादा है।इसका उच्चतम शेयर प्राइस 98,599 रु है और ये अभी 58.71 के पीई मल्टीप्ल पर कारोबार कर रहा है।
वर्ष 2012 के अंत में 10,000 रु की कीमत पर कारोबार करने वाले इस स्टॉक की कीमत में काफी बढ़त हुई है। इसका प्रमुख कारण यह है कि कंपनी ने शेयर को एक बार भी स्प्लिट नहीं किया है और इसके फंडामेंटल्स काफी मजबूत हैं।
मार्किट कॅपिटलाइसेशन = 55,202 करोड़ रु
पेज इंडस्ट्रीज जाने माने ब्रांड ‘जॉकी’, जो इनरवियर, लाउंजवियर और सॉक्स बनाते हैं, के भारत में निर्माता और वितरक हैं। इनके पास ‘स्पीडो इंटरनेशनल लिमिटेड’ के उत्पादों के वितरण के लिए भी लाइसेंस है।
पेज इंडस्ट्रीज के स्टॉक ने 2007 में अपनी लिस्टिंग प्राइस 600 रु की तुलना में कई गुना रिटर्न दिया है – आज इसके शेयर की कीमत 55000 रु है जिसका कारण है इसके दोनों लोकप्रिय ब्रांड और साथ ही कंपनी का मजबूत आधार। स्टॉक अभी 75.35 के पीई पर ट्रेड कर रहा है।
मार्किट कॅपिटलाइसेशन = 38,489 करोड़ रु
हनीवेल ऑटोमेशन इंडिया लिमिटेड, हनीवेल यूएसए का हिस्सा है। ये इंटीग्रेटेड ऑटोमेशन और सॉफ्टवेयर सोल्यूशन्स में सबसे आगे हैं। ये मुख्य रूप से एयरक्राफ्ट्स की एफिशिएंसी बढ़ाने का काम करते हैं जिससे कम एनर्जी खपत और समय की बचत दोनों होती है।
एयरक्राफ्ट के अलावा हनीवेल बड़ी कंपनियों के लिए बिल्डिंग्स, मशीनरी और सप्लाई चेन तैयार करने का भी काम करता है, जिससे वे स्मार्ट बन सकें और नई कुशल व आधुनिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से विकास कर सकें।
कंपनी के स्टॉक ने पिछले लगभग 22 वर्षों में 10,000% से ज़्यादा का रिटर्न दिया है। इसके स्टॉक प्राइस के अधिक होने का कारण यह है कि कंपनी ने अपने शेयर्स को अभी तक एक बार भी स्प्लिट नहीं किया है और मजबूत फंडामेंटल्स के चलते इसे बढ़िया क्वालिटी वाला स्टॉक माना जाता है।
फिलहाल यह 110.10 के पीई पर कारोबार कर रहा है।
मार्किट कॅपिटलाइसेशन = 25,212 करोड़ रु
3M इंडिया लिमिटेड भारत में अमेरिकी कंपनी 3M यूएसए की सब्सिडियरी कंपनी है, जिसमें 3M यूएसए की 75% इक्विटी हिस्सेदारी है। इसका एक डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो है और यह डेंटल सीमेंट, स्वास्थ्य देखभाल, सफाई आदि के प्रोडक्ट्स बनाती है।
इनके अलावा यह एडहेसिव्स, पेंट प्रोटेक्शन फिल्म्स, विंडो फिल्म्स और साइन्स भी बनाती है। स्कॉच ब्राइट, स्कॉच टेप, पोस्ट इट, स्कॉचगार्ड ग्लू आदि 3M के कुछ लोकप्रिय ब्रांड हैं।कंपनी में एफआईआई निवेशकों के साथ – साथ म्यूचुअल फंड्स की भी हिस्सेदारी है, जो इसके शेयर को और मजबूती प्रदान करती है।
शेयर अभी 77.31 के पीई पर ट्रेड करता है।
मार्किट कॅपिटलाइसेशन = 77,288 करोड़ रु
श्री सीमेंट एक भारतीय सीमेंट निर्माता है जिसके देश भर में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स हैं। इसका मुख्यालय कोलकाता में है। यह उत्तर भारत की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी है और इसे राजस्थान के अजमेर जिले में 1979 में शुरू किया गया था। श्री जंग रोधक, बांगुर सीमेंट, रॉकस्ट्रांग सीमेंट इसके कुछ जाने माने ब्रांड्स हैं।
सरकार का इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार पर ध्यान इस कंपनी के भविष्य के लिए बहुत अच्छा है। श्री सीमेंट्स अभी 39 के पीई पर कारोबार कर रहा है।
मार्किट कॅपिटलाइसेशन = 1,90,279 करोड़ रु
नेस्ले इंडिया भारत में फ़ूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में मार्केट लीडर है। यह स्विस मल्टीनेशनल कंपनी नेस्ले की भारतीय सब्सिडियरी है। मैगी, किट-कैट चॉकलेट , नेस्कैफे कॉफ़ी, एव्रीडे दूध पाउडर इसके कुछ नामी ब्रांड्स हैं।
वैसे तो कंपनी ने भारतीय बाज़ार में अपना कारोबार 1900 के दशक में शुरू किया, लेकिन अपनी पहली फैक्ट्री उन्होंने यहां 1961 में लगायी।इसके स्टॉक के मजबूत फंडामेंटल्स का उदाहरण हमें कोरोना काल में इसके शानदार प्रदर्शन में दिखा था।
अभी इसका शेयर 90 के पीई पर कारोबार कर रहा है।
मार्किट कॅपिटलाइसेशन = 40,833 करोड़ रु
अबॉट इंडिया लिमिटेड, अमेरिकी फार्मा कंपनी है, जिसका मुंबई में हेडक्वार्टर है।अबॉट इंडिया भारतीय स्टॉक एक्सचेंजस में लिस्टेड है और अबॉट लैबोरेटरीज़ इसकी सब्सिडियरी के तौर पर काम करती है।
कंपनी विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं में उच्च क़्वालिटी की विश्वसनीय दवाएं बनाती है जिसमें महिला स्वास्थ्य, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, मेटाबॉलिक डिसॉर्डर और सामान्य देखभाल शामिल है। पिछले 5 सालों में इस शेयर ने निवेशकों को 179% से ज्यादा का रिटर्न दिया है और यह 50.50 के पीई पर कारोबार कर रहा है।
मार्किट कॅपिटलाइसेशन = 52,962 करोड़ रु
बॉश जर्मन मल्टीनेशनल कंपनी रॉबर्ट बॉश (या बॉश) का हिस्सा है, जिसका हेडक्वार्टर जर्मनी में है।बॉश ऑटो एंसिलरी मार्केट (ऑटोमोटिव पार्ट्स और इक्विपमेंट) का लीडर है। यह डीज़ल व गैसोलीन फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम, कार मल्टीमीडिया सिस्टम, ऑटो इलेक्ट्रिकल्स, मोटर्स, एक्सेसरीज़ आदि बनाता है।
बॉश का शेयर 40.98 के पीई पर कारोबार कर रहा है।
मार्किट कॅपिटलाइसेशन = 47,317 करोड़ रु
पी एंड जी भारत में एक बहुत जाना पहचाना और पॉपुलर पर्सनल केयर उत्पाद बनाने वाली कंपनी है। कंपनी के प्रमुख ब्रांड अधिकांश भारतीय घरों का हिस्सा हैं जैसे व्हिस्पर, जिलेट, एरियल, ओरल-बी, ओले आदि।
कंपनी इन उत्पादों को बनाने और मार्केटिंग का काम करती है। यह भारत की सबसे तेजी से बढ़ती कंस्यूमर गुड कंपनियों में से एक है। कंपनी ने हाल ही में आयुर्वेदिक उत्पाद केटेगरी में भी शुरुआत की है।
फिलहाल यह 81.28 के पीई पर कारोबार कर रहा है।
मार्किट कॅपिटलाइसेशन = 363 करोड़ रु
यमुना सिंडिकेट लिमिटेड ट्रैक्टर, इंडस्ट्रियल ल्यूब, ऑटोमोटिव, बैटरी, इलेक्ट्रिकल, पेस्टिसाइड, फ़र्टिलाइज़र, चीनी आदि के व्यापार और डिस्ट्रीब्यूशन में शामिल है।
कंपनी देश में पेट्रोल पंप भी चलाती है। यह 1954 में शुरू किया गया था और इसका मुख्यालय यमुना नगर, हरियाणा, भारत में है।
यह शेयर फिलहाल 6.66 के पीई पर कारोबार कर रहा है।
कई निवेशकों को ये महंगे शेयर खरीदने के लिए मुश्किल लग सकते हैं, जबकि कई अनुभवी निवेशक इनमें निवेश करने के लिए अपनी जेब से बढ़कर पैसा लगाने की कोशिश करते हैं। म्यूचुअल फंड निवेश से इस प्रकार के महंगे शेयरों में इनडायरेक्ट निवेश करना एक आसान तरीका साबित हो सकता है, जिसमें 500 रु जैसे कम निवेश के साथ भी इन्हें अपने पोर्टफोलियो में शामिल किया जा सकता है ।
यहां दिए गए शेयरों को केवल शेयर की कीमत के आधार पर चुना गया है – यह डिटेल्ड नहीं है और न ही निवेश करने की रिकमेन्डेशन लिस्ट। स्टॉक में निवेश करने का निर्णय पूरी तरह से निवेशक और कंपनी की जानकारी पर निर्भर करता है। इसलिए निवेशकों को स्टॉक के पूरे इवैल्यूएशन के बाद ही निवेश करने पर विचार करना चाहिए।
कम कीमत वाले स्टॉक के ज़्यादा शेयर और अपेक्षाकृत महंगे स्टॉक के कम शेयर खरीदने में कोई अंतर नहीं है। स्टॉक में निवेश करने के बाद, शेयर की कीमत में प्रतिशत के हिसाब से बढ़त (या कमी) हो सकती है। इससे निवेशक को लाभ (या नुकसान) होता है और यह स्टॉक्स में निवेश का तथ्य है।
कम कीमत वाले शेयरों की तुलना में अधिक कीमत वाले शेयरों में कम उतार-चढ़ाव हो सकता है क्योंकि इनमें निवेशक ज्यादातर लंबी अवधि के लिए निवेशित रहना पसंद करते हैं।
निवेश के लिए स्टॉक चुनने के लिए आपको बिज़नेस के फंडामेंटल्स को सबसे पहले समझना चाहिए जैसे कंपनी का कारोबार, उसकी मैनेजमेंट, बैलेंस शीट आदि। शेयर खरीदने से पहले आपको कंपनियों की विभिन्न रिसर्च रिपोर्ट्स को पढ़कर कंपनी की वित्तीय स्थिति को समझना चाहिए।
शेयर बाज़ार में निवेश शुरू करने के लिए कोई न्यूनतम राशि की आवश्यकता नहीं है। निवेश की जाने वाली राशि शेयर की कीमत और खरीदे जाने वाले शेयरों की संख्या पर निर्भर करती है।
शेयर्स में निवेश शुरू करने के लिए आपको ब्रोकर या ऑनलाइन ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म की सहायता लेनी पड़ेगी। केवाईसी आवश्यकताएं को पूरा करने के बाद ट्रेडिंग और डीमैट खाता खोलने के साथ ही आप शेयर्स में निवेश करना शुरू कर सकते हैं।
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