टेक्नोलॉजी ने पूरे विश्व में लोगों के जीवन पर प्रभाव डाला है और लोगों को जोड़ने का काम कुशलता से किया है। पिछले दो वर्षों में टेक्नोलॉजी एवं डिजिटल दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र रहा है – निवेश का I यहां, क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र में लोगों की सबसे अधिक रुचि रही है।
इसी विषय पर विस्तार से जानते हैं I
क्रिप्टोकरेंसी, जिसे ‘क्रिप्टो’ के रूप में भी जाना जाता है, एक डिजिटल मुद्रा है जिसका उपयोग किसी अन्य मुद्रा या कार्ड की तरह उत्पाद, सामान या सेवाएं खरीदने के लिए किया जा सकता है। ये किसी सरकार, बैंक या केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा न तो जारी की जाती है और न ही उनके द्वारा समर्थित है।
यह लेनदेन को सुरक्षित और सत्यापित करने के साथ-साथ डिजिटल मुद्रा की नई यूनिट्स के निर्माण को नियंत्रित करने के लिए ‘क्रिप्टोग्राफी’ का उपयोग करती है।
दो या दो से अधिक पक्षों के बीच सुरक्षित, ‘एन्क्रिप्टेड’ संदेश या डेटा भेजने का माध्यम ही क्रिप्टोग्राफी है। भेजने वाला संदेश को “एन्क्रिप्ट” करता है (सन्देश को किसी तीसरे पक्ष के लिए पढ़ना, लिखना या पता लगाना अस्पष्ट करता है)
सन्देश प्राप्त करने वाला या ‘रिसीवर’ संदेश को “डिक्रिप्ट” करता है (उसे पढ़ने योग्य या स्पष्ट बनाता है) I
क्रिप्टोकरेंसी द्वारा क्रिप्टोग्राफी का उपयोग किया जाता है, जिससे उनका लेन-देन गुमनाम, सुरक्षित और भरोसेमंद रहे। आपको क्रिप्टोकरेंसी में सुरक्षित रूप से लेन-देन करने के लिए दूसरे व्यक्ति के बारे में कुछ भी जानने की आवश्यकता नहीं है और न ही इसे ट्रांसफर करते समय बैंक या क्रेडिट – कार्ड कंपनी की आवश्यकता है।
क्रिप्टोग्राफ़ी केवल डिजिटल पैसे के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है – आपका कंप्यूटर और उससे जुड़े नेटवर्क भी लगातार कई प्रकार का डाटा एन्क्रिप्ट और डिक्रिप्ट करते रहते हैं। यहां तक कि जब आप किसी विषय पर गूगल खोज (Google search) करते हैं या ई-मेल भेजते हैं, वह भी एन्क्रिप्ट और डिक्रिप्ट होते हैं।
चूंकि यह किसी केंद्रीय बैंक, कंपनी या सरकार द्वारा नियंत्रित या उसके अधीन नहीं है, इसलिए इसे जारी नहीं किया जाता – इसे क्रिप्टोग्राफिक तकनीकों का उपयोग करके बनाया जाता है। ये बिना किसी शुल्क के, ओपन-सोर्स सॉफ़्टवेयर चलाने वाले कम्प्यूटर्स के नेटवर्क द्वारा प्रबंधित किए जाते हैं। जो भी इस टेक्नोलॉजी में सक्षम है, इसमें भाग ले सकता है (इसके लिए विशिष्ट कौशल (specific skills) की आवश्यकता है और इसमें भारी ऊर्जा लागत (high energy cost) और कम्प्यूटेशनल क्षमताएं भी शामिल हैं) I
अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी का निर्माण ‘ब्लॉकचेन’ (Blockchain) तकनीक द्वारा समर्थित किया जाता है। ‘ब्लॉकचेन’ तकनीक को कम्प्यूटर्स के बड़े नेटवर्क द्वारा लागू एक बही-खाते (Ledger Account) के रूप में समझा जा सकता है।
यह तकनीक अपने नेटवर्क पर सभी कम्प्यूटर्स में विभाजित होती है और लगातार ब्लॉकचेन की सटीकता सत्यापित करते हैं। ‘ब्लॉकचेन’ तकनीक द्वारा पूरे लेन-देन का हिसाब और ट्रैक रखा जाता है कि किसके पास क्या और कितना है। यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि कोई केंद्रीय वॉल्ट या डेटाबेस नहीं है जिसे हैक, चोरी या जिसमें हेरफेर किया जा सके।
अब जबकि हमें यह पता है कि क्रिप्टोकरेंसी क्या है, आईये जानते हैं इसके सबसे अधिक प्रयोग होने वाले प्रारूप से, जो है – बिटकॉइन I
बिटकॉइन दुनिया की पहली व्यापक रूप से अपनाई गई क्रिप्टोकरेंसी है। इसके माध्यम से लोग सीधे इंटरनेट पर एक दूसरे को डिजिटल पैसा भेज सकते हैं ।
बिटकॉइन के निर्माण के बाद से कई नई क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च की गई हैं, जैसे एथेरियम, लाइटकॉइन, तेथेर, रिपल आदि लेकिन बिटकॉइन अभी भी बाजार पूंजीकरण और ट्रेडिंग वॉल्यूम के हिसाब से दुनिया में सबसे बड़ा है। बिटकॉइन का एक व्यक्तिगत ‘वॉलेट’ से दूसरे ‘वॉलेट’ में आसानी से कारोबार किया जाता है।
(वॉलेट एक छोटा व्यक्तिगत डेटाबेस होता है जिसे आप अपने कंप्यूटर ड्राइव, स्मार्टफोन, टैबलेट पर या क्लाउड में कहीं भी स्टोर करते हैं और भविष्य में इस्तेमाल कर सकते हैं)
डिजिटल मुद्रा के बारे में चर्चा काफी समय से हो रही है, लेकिन वर्ष 2008-9 में सातोशी नाकामोटो (Satoshi Nakamoto) इस विषय पर विस्तार से प्रकाशित करने वाले पहले व्यक्ति थे। इसलिए उन्हें बिटकॉइन को डिज़ाइन या शुरू करने का श्रेय जाता है।
बिटकॉइन ऑनलाइन डिजिटल भुगतान का एक बड़ा व पसंदीदा विकल्प बन चुका है। इसके कुछ अन्य लाभ हैं :
पिछले कुछ वर्षों में इसकी कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है जिसके कारण बहुत से नए निवेशक क्रिप्टो और बिटकॉइन की तरफ आकर्षित हुए हैं। इसे आसानी से ऑनलाइन खरीदा व बेचा जा सकता है।
कई लोग इसे ‘भविष्य का निवेश’ मानते हैं और इसे संभाल के रखने वाली वस्तु के रूप में देख रहे हैं। इसे सोने की तरह मूल्यवान निवेश के तौर पर संग्रहित किया जा रहा है।
बिटकॉइन ने देश और सीमा की बाधाओं को पीछे छोड़कर एक बड़ा प्रशंसक आधार बनाया है। इसका उपयोग किसी भी भुगतान संस्था, सरकार या प्राधिकरण की भागीदारी के बिना डिजिटल रूप से मूल्य का आदान-प्रदान करने के साधन के रूप में किया जा रहा है।
बहुत से लोग इसमें इसलिए पैसा लगा रहे हैं क्योंकि वे जानने के लिए उत्सुक हैं कि क्रिप्टोग्राफ़ी व ब्लॉकचेन तकनीक क्या है, क्रिप्टोकरेंसी कैसे कार्य करती है और इसका भविष्य में स्वरुप कैसा होगा।
बिटकॉइन या कोई दूसरी क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए आपको सबसे पहले एक क्रिप्टो एक्सचेंज की आवश्यकता होगी जहां खरीदार और विक्रेता मिलते हैं। वैसे अब कई एक्सचेंज उपलब्ध हैं, लेकिन यदि आप इसमें नए हैं, तो कम शुल्क और उच्च सुरक्षा के साथ उपयोग में आसानी वाला एक्सचेंज चुनना बेहतर रहेगा।
एक्सचेंज चुनने के बाद आपको निवेश शुरू करने से पहले अपने खाते में धन की व्यवस्था करनी होगी। यह आसान है – बैंक ट्रांसफर, पेमेंट वॉलेट या अन्य ऑनलाइन माध्यम से अपने खाते में धनराशि जमा कर सकते हैं। हालांकि उक्त प्लेटफॉर्म के शुल्क अवश्य ध्यान में रखें।
खाते में पैसा आने के बाद आप बिटकॉइन खरीदने के लिए ऑर्डर दे सकते हैं। ये ध्यान में रखना आवश्यक है कि अधिकतर एक्सचेंज आपकी मनपसंद राशि इसमें लगाने की अनुमति देते हैं और जैसे ही ट्रांसैक्शन पूरी होगी, आप बिटकॉइन के एक हिस्से के मालिक बन जायेंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि आज की कीमत के अनुसार एक बिटकॉइन खरीदने के लिए बड़े निवेश की आवश्यकता है।
उदाहरण के लिए, बिटकॉइन की वर्तमान कीमत 22,000 अमेरिकी डॉलर के आस पास है, जो बड़ी राशि है, किन्तु आप 1,000 डॉलर (या उससे भी कम) निवेश कर सकते हैं और आपको उतना प्रतिशत हिस्सा मिल जायेगा।
कई एक्सचेंजों में बिटकॉइन वॉलेट होता है जहां आप इसे सुरक्षित रूप से रख सकते हैं। हालांकि कुछ लोग अपनी क्रिप्टोकरेंसी को नेटवर्क से कनेक्टेड नहीं छोड़ना चाहते हैं, क्योंकि हैकर्स द्वारा इसे चुराए जाने का जोखिम रहता है।
कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज इन्हें ऑफलाइन ‘कोल्ड स्टोरेज’ में स्टोर कर रहे हैं। यदि आप अधिकतम सुरक्षा चाहते हैं, तो इसे अपनी पसंद के ऑनलाइन या ऑफलाइन बिटकॉइन वॉलेट में स्टोर कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि यदि आप क्रिप्टो को एक्सचेंज से हटाते हैं, तो इसके लिए एक छोटा निकासी शुल्क (exit fee) देना पड़ सकता है।
हालांकि इसके सुरक्षित करेंसी होने और इसे ‘भविष्य की मुद्रा’ कहने वाले बहुत से समर्थक हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो क्रिप्टो से दूर रहने की सलाह देते हैं।
कुछ तथ्य ध्यान में रखने आवश्यक हैं :
– यह टेक्नोलॉजी पर आधारित करेंसी है और अत्यधिक अस्थिर निवेश उत्पाद है। अन्य निवेश उत्पादों के विपरीत, कई विशेषज्ञों को क्रिप्टो में कोई मौलिक मूल्य (fundamental value) नहीं दिखता है।
– दुनिया भर की सरकारें अनियमित मुद्राओं (unregulated currencies) के खिलाफ हैं, इसलिए क्रिप्टो पर किसी भी प्रकार के नियम या बंदिशें उनके प्रारूप को खराब कर सकती हैं।
– क्रिप्टोकरेंसी, उनके एक्सचेंज और वॉलेट – साइबर अपराधियों या हैकर्स की नज़र में हर समय रहते हैं। निवेशकों को साइबर हमले या हैकिंग के खतरे से सावधान रहने की आवश्यकता है।
– क्रिप्टो की दुनिया में बहुत कॉम्पेटेशन है और नए निवेशक आमतौर पर सस्ते दाम वाले उत्पादों की ओर आसानी से आकर्षित हो जाते हैं – वे सबसे उपयुक्त विकल्प चुनने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।
बजट 2022-23 के अनुसार, सब प्रकार के डिजिटल एसेट्स पर टैक्स लगाने के लिए आयकर अधिनियम 1961 में एक नई धारा 115BBH पेश की गई है।यह अप्रैल 1, 2022 से प्रभावी हो गयी है।इसके अनुसार :
– क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री से होने वाले किसी भी लाभ पर 30% की दर से टैक्स लगाया जाएगा
– क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले नुकसान को किसी अन्य आय से सेट-ऑफ नहीं किया जा सकता और न ही अगले वित्तीय वर्षों में कैरी फॉरवर्ड किया जा सकता है
– डिजिटल लेन-देन का रिकॉर्ड रखने के इरादे से डिजिटल एसेट्स पर 1% टीडीएस लगाने का भी प्रावधान रखा गया है
जोखिम किसी भी निवेश में निहित है, लेकिन विशेष रूप से बिटकॉइन और अन्य उभरती क्रिप्टोकरेंसी के साथ सचेत रहना ज़रूरी है।
पोर्टफोलियो को संतुलित रखने के लिए आवश्यक है कि आप अपने निवेश में लंबे समय तक बने रहें – निवेश का मूल सिद्धांत याद रखना महत्वपूर्ण है कि उतार-चढ़ाव वाले निवेश विकल्प की तरह क्रिप्टोकरेंसी में भी उतनी ही राशि निवेश करें जितनी आप खोना सहन कर सकते हैं।
इसका अर्थ यह है कि उनमें ये सोच कर निवेश करें कि आपका पूरा मूल भी डूब सकता है – निश्चित तौर पर ये वो पैसा नहीं होना चाहिए जिसकी आपको आने वाले 1 – 3 साल में आवश्यकता है। आमतौर पर विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी में आपके पोर्टफोलियो का 1% – 2.5 % तक ही निवेश होना चाहिए।
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